इक़रार कर गया कभी इंकार कर गयाइक़रार कर गया कभी इंकार कर गयाहर बात एक अज़ब से दो-चार कर गयारास्ता बदल के भी देखा मगर वो शख्सदिल में उतर कर सारी हदें पार कर गया
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आयातूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आयाकितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँकितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया हैकितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ
तूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आयातूने नफ़रत से जो देखा है तो याद आयाकितने रिश्ते तेरी ख़ातिर यूँ ही तोड़ आया हूँकितने धुंधले हैं ये चेहरे जिन्हें अपनाया हैकितनी उजली थी वो आँखें जिन्हें छोड़ आया हूँ