कुछ इस तरह अपने दिल को बेवकूफ बनाता हूँ मैंकुछ इस तरह अपने दिल को बेवकूफ बनाता हूँ मैंकि तुमसे बिछड़ते वक़्त भी खुल के मुस्कुराता हूँ मैं
ज़रा सी देर मेंज़रा सी देर में, दिल में उतरने वाले लोग; ज़रा सी देर में, दिल से उतर भी जाते हैंरात नहीं ख़्वाब बदलता हैमंजिल नहीं कारवां बदलता हैजज्बा रखें हरदम जीतने काक्योंकि किसā94dमत चाहे बदले न बदले, वक़्त जरुर बदलता है
मैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारोंमैं रात भर जन्नत की सैर करता रहा यारोंसुबह आँख खुली तो सर माँ के कदमों में था