पी लेंगे तुम्हारा हर एक आंसूपी लेंगे तुम्हारा हर एक आंसूकभी अपनी महफ़िल में बैठाकर तो देखोभाभी कहोगे तुम अपनी गर्लफ्रेंड कोकभी हमसे मिलाकर तो देखो
मैंने आंसू को समझायामैंने आंसू को समझायाभरी महफ़िल में ना आया करोआंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते हैइसीलिए तो चुपके से चले आते है
हमारें आंसू पोछकर वो मुस्कुराते हैंहमारें आंसू पोछकर वो मुस्कुराते हैंइसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैंहाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे कोइसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं
कभी आंसू कभी ख़ुशी बेचीकभी आंसू कभी ख़ुशी बेचीहम गरीबों ने बेकसी बेचीचंद सांसे खरीदने के लिएरोज थोड़ी सी जिन्दगी बेची
हर बात में आंसू बहाया नहीं करतेहर बात में आंसू बहाया नहीं करतेदिल की बात हर किसी को बताया नहीं करतेलोग मुट्ठी में नमक लेके घूमते हैदिल के जख्म हर किसी को दिखाया नहीं करते
जब आंसू आए तो रो जाते हैंजब आंसू आए तो रो जाते हैंजब ख्वाब आए तो खो जाते हैंनींद आंखो में आती नहींबस आप ख्वाबो में आयेंगे, यही सोच कर सो जाते हैं