पी लेंगे तुम्हारा हर एक आंसूपी लेंगे तुम्हारा हर एक आंसूकभी अपनी महफ़िल में बैठाकर तो देखोभाभी कहोगे तुम अपनी गर्लफ्रेंड कोकभी हमसे मिलाकर तो देखो
मैंने आंसू को समझायामैंने आंसू को समझायाभरी महफ़िल में ना आया करोआंसू बोला, तुमको भरी महफ़िल में तन्हा पाते हैइसीलिए तो चुपके से चले आते है
हर एक मुस्कुराहट मुस्कान नहीं होतीहर एक मुस्कुराहट मुस्कान नहीं होतीनफरत हो या मोहब्बत आसान नहीं होतीआंसू गम के और ख़ुशी के एक जैसे होते हैंइनकी पहचान आसान नहीं होती
हमारें आंसू पोछकर वो मुस्कुराते हैंहमारें आंसू पोछकर वो मुस्कुराते हैंइसी अदा से तो वो दिल को चुराते हैंहाथ उनका छू जाए हमारे चेहरे कोइसी उम्मीद में तो हम खुद को रुलाते हैं
आंसू ना होते तो आँखे इतनी हसीन ना होतीआंसू ना होते तो आँखे इतनी हसीन ना होतीदर्द ना होता तो खुशियां क्या होतीपूरी करते खुदा यूँ ही सब मुरादे तोइबादत की कभी जरुरत ही ना होती
जिन्हें सलीका है तहजीब-ए-गम समझने काजिन्हें सलीका है तहजीब-ए-गम समझने कउन्ही के रोने में आंसू नजर नही आते