तेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लियातेरी याद में आंसुओं का समंदर बना लियातन्हाई के शहर में अपना घर बना लियासुना है लोग पूजते हैं पत्थर कोइसलिए तुझसे जुदा होने के बाद दिल को पत्थर बना लिया
एक क़तरा मलाल भी बोया नहीं गयाएक क़तरा मलाल भी बोया नहीं गयावो खौफ था के लोगों से रोया नहीं गयायह सच है के तेरी भी नींदें उजड़ गयींतुझ से बिछड़ के हम से भी सोया नहीं गयाउस रात तू भी पहले सा अपना नहीं लगाउस रात खुल के मुझसे भी रोया नहीं गयादामन है ख़ुश्क आँख भी चुप चाप है बहुतलड़ियों में आंसुओं को पिरोया नहीं गयाअलफ़ाज़ तल्ख़ बात का अंदाज़ सर्द हैपिछला मलाल आज भी गोया नहीं गयाअब भी कहीं कहीं पे है कालख लगी हुईरंजिश का दाग़ ठीक से धोया नहीं गया
आँखों में आंसुओ को उभरने ना दियाआँखों में आंसुओ को उभरने ना दिया.मिट्टी के मोतियों को बिखरने ना दिया;.जिस राह पे पड़े थे तेरे कदमो के निशानउस राह से किसी को गुजरने ना दिया
दिल में आंसुओं के मेले हैंदिल में आंसुओं के मेले हैंतुम बिन, हम बहुत अकेले हैंसब कुछ छोड़कर, "एस एम् एस" तुम्हें करते हैंदेखो हम कितने वेल्ले हैं
आज तुम पे आंसुओं की बरसात होगीआज तुम पे आंसुओं की बरसात होगीफिर वही कड़कती रात होगीSms ना करके तूने दिल दुखाया है मेराजा तेरे बदन में खुजली सारी रात होगी
हमें आंसुओ से ज़ख्मो को धोना नहीं आताहमें आंसुओ से ज़ख्मो को धोना नहीं आतामिलती है ख़ुशी तो उसे खोना नहीं आतासह लेते हैं हर गम को जब हँसकर हमतो लोग कहते है कि हमें रोना नहीं आता