इस कदर छलकते है आँसू पलकों पे छुपा नहीं सकताइस कदर छलकते है आँसू पलकों पे छुपा नहीं सकतामेरे कदम रोकते हैं मुझको उसके दर पे जा नहीं सकतान जाने किस की गलती थी कोई रूठ गया था मुझसेआज उसे मनाने की ख्वाहिश है पर दिल मजबूर है इतना कि मना नहीं सकता
आँसू गिरने की आहट नही होतीआँसू गिरने की आहट नही होतीदिल के टूटने की आवाज नहीं होतीगर होता उन्हें एहसास दर्द कातो दर्द देने की उन्हें आदत नहीं होती
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहेंये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहेंयूँ ही कब तलक खुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबहेँ
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हमउसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हमउसके ग़मो को हंसीं से सजा रहे थे हमजलाया उसी दिये ने मेरा हाथजिसकी लो को हवा से बचा रहे थे हम
कुछ आँसू होते हैं जो बहते नहींकुछ आँसू होते हैं जो बहते नहींलोग अपने प्यार के बिना रहते नहींहम जानते हैं आपको भी आती है हमारी यादपर जाने क्यों आप हमसे कहते नहीं