लोग कहते हैं जिन्हें नील कंवललोग कहते हैं जिन्हें नील कंवल, वो तो क़तीलशब को इन झील सी आँखों में खिला करते है
सुर्ख आँखों से जब वो देखते हैंसुर्ख आँखों से जब वो देखते हैंहम घबराकर आँखें झुका लेते हैंक्यों मिलायें उन आँखों से आँखेंसुना है वो आँखों से ही अपना बना लेते हैं
आँखों की कतारों में पसरी नमी सी हैआँखों की कतारों में पसरी नमी सी हैआज सब कुछ है ज़िन्दगी में बस तुम्हारी कमी सी है
उस की आँखों में नज़र आता है सारा जहाँ मुझ कोउस की आँखों में नज़र आता है सारा जहाँ मुझ कोअफ़सोस कि उन आँखों में कभी खुद को नहीं देखा मैंने
आये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओआये हो आँखों में तो कुछ देर तो ठहर जाओएक उम्र लग जाती है एक ख्वाब सजाने में