मैं किसी को क्या इल्ज़ाम दूँ अपनी मौत का दोस्तोमैं किसी को क्या इल्ज़ाम दूँ अपनी मौत का दोस्तोयहाँ तो सताने वाले भी अपने थे और दफ़नाने वाले भी अपने
नवंबर की तरह हम भी अलविदा कह देंगें एक दिननवंबर की तरह हम भी अलविदा कह देंगें एक दिनफिर ढूँढते फिरोगे हमें दिसंबर की सर्द रातों में