सोचता हूँ कि अपने सारे अरमान भेज दूँसोचता हूँ कि अपने सारे अरमान भेज दूँदुआओं में अपनी तुम्हारा नाम भेज दूँदिन खिला और दिल को तुम याद आयेतो सोचा कि प्यारा सा सलाम भेज दूँ
तू मेरा सपना मेरा अरमान हैतू मेरा सपना मेरा अरमान हैपर शायद तू अपनी अहमियत से अनजान हैमुझसे कभी भी रूठ मत जानाक्योंकि मेरी दुनिया तेरे बिना वीरान है
मन में सब को पाने का अरमान नहीं होतामन में सब को पाने का अरमान नहीं होताहर कोई दिल का महमान नहीं होतापर एक बार जो बन जाते हैं अपनेउन्हें भुलाना इतना आसान नहीं होता
काश उसे चाहने का अरमान ना होताकाश उसे चाहने का अरमान ना होतामैं होश में रहते हुए अनजान ना होताना प्यार होता किसी पत्थर दिल से हमकोया फिर कोई पत्थर दिल इंसान ना होता
जज़्बात मचलते हैं जब तुमसे मिलता हूँजज़्बात मचलते हैं जब तुमसे मिलता हूँअरमान मचलते हैं जब तुमसे मिलता हूँसाथ हम दोनों का कोई बर्दाश्त नहीं करताजलती है देख कर दुनिया जब मैं तुमसे मिलता हूँ
Hindi Shayari, Main musalman huमैं मुस्लिम हूँ, तू हिन्दू है, हैं दोनों इंसानला मैं तेरी गीता पढ़ लूँ, तू पढ ले कुरानअपने तो दिल में है दोस्त, बस एक ही अरमानएक थाली में खाना खाये सारा हिन्दुस्तान