सबसे छुपा करसबसे छुपा कर..सबसे छुपा कर दर्द जो वो मुस्कुरा दियाउस की हंसी ने तो आज मुझे रुला दिया;लहज़े से उठ रहा था हर एक दर्द का धुआँचेहरा बता रहा है कि कुछ गँवा दिया.आवाज़ में ठहराव था आँखों में नमी थीऔर कह रहा था कि मैंने सब कुछ भुला दिया.जाने क्या उस को लोगों से थी शिकायतेंतन्हाईयो के देश में खुद को बसा दिया.खुद भी वो हम से बिछड़ कर अधूरा सा हो गयामुझ को भी इतने लोगों में तन्हा बना दिया।
खुद भी वो हमसें बिछड़ कर अधूरा सा हो गयाखुद भी वो हमसें बिछड़ कर अधूरा सा हो गयामुझको भी इतने लोगों में तन्हा बना दिया
नही रहता कोई शख़्स अधूरा किसी के भी बिनानही रहता कोई शख़्स अधूरा किसी के भी बिनावक़्त गुज़र ही जाता है, कुछ खोकर भी कुछ पाकर भी
प्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैंप्यार की तरह आधा अधूरा सा अल्फाज था मैंतुमसे क्या जुडा ज़िंदगी की तरह पूरी गजल बन गया