एक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयीएक कहानी सी दिल पर लिखी रह गयीवो नज़र जो मुझे देखती रह गयीलोग आ कर बाजार में बिक भी गएमेरी कीमत लगी की लगी रह गयी
हर शाम कह जाती है एक कहानी !हर शाम कह जाती है एक कहानी हर सुबह ले आती है एक नई कहानी रास्ते तो बदलते है हर दिन लेकिन मंजिल रह जाती है वही पुरानी
मैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गईमैंने रब से कहा वो छोड़ के चली गईपता नहीं उसकी क्या मजबूरी थीरब ने कहा इसमें उसका कोई कसूर नहींयह कहानी तो मैंने लिखी ही अधूरी थी
अब इस सादा कहानी को नया एक मोड़ देना थाअब इस सादा कहानी को नया एक मोड़ देना थाज़रा सी बात पर अहद-ए-वफ़ा ही तोड़ देना थामहकता था बदन हर वक़्त जिस के लम्स-ए-खुशबू सेवही गुलदस्ता दहलीज़-ए-खिजाँ पर छोड़ देना था
कहानी बन के जियें हैंकहानी बन के जियें हैं; वो दिल के आशियानों मेंहमको भी लगेगी सदियाँ; उन्हें भुलाने में
वक़्त बदला और बदली कहानी हैवक़्त बदला और बदली कहानी हैसंग मेरे हसीन पलों की यादें पुरानी हैंना लगाओ मरहम मेरे ज़ख्मों परमेरे पास उनकी बस यही एक बाकी निशानी है