तुम्हारा और मेरा इश्क है ज़माने से कुछ जुदातुम्हारा और मेरा इश्क है ज़माने से कुछ जुदएक तुम्हारी कहानी है लफ्जों से भरी एक मेरा किस्सा है ख़ामोशी से भरा
इश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोगइश्क में इसलिए भी धोखा खानें लगें हैं लोगदिल की जगह जिस्म को चाहनें लगे हैं लोग
हम भी बिकने गए थे बाज़ार-ऐ-इश्क मेंहम भी बिकने गए थे बाज़ार-ऐ-इश्क मेंक्या पता था वफ़ा करने वालो को लोग ख़रीदा नहीं करर्ते!
हम भी बिकने गए थे बाज़ार-ऐ-इश्क मेंहम भी बिकने गए थे बाज़ार-ऐ-इश्क मेंक्या पता था वफ़ा करने वालों को लोग ख़रीदा नहीं करते
मिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब कीमिलावट है तेरे इश्क में इत्र और शराब कीवरना हम कभी महक तो कभी बहक क्यों जाते
बंद कर दिए है हमने दरवाज़ें इश्क केबंद कर दिए है हमने दरवाज़ें इश्क केपर तेरी याद हैं कि दरारों में से भी आ जाती हैं