चुप ना होगी हवा भीचुप ना होगी हवा भी, कुछ कहेगी घटा भीऔर मुमकिन है तेरा, जिक्र कर दे खुद़ा भीफिर तो पत्थर ही शायद ज़ब्त से काम लेंगेहुस्न की बात चली तो, सब तेरा नाम लेंगे
हुस्ने जानां ने करम जब से किया है मुझपेहुस्ने जानां ने करम जब से किया है मुझपज़िन्दगी में मेरी खुशियों के गुले तर आयेआ गया बन के भगत सिंह कोई अशफा उलतज़ुल्म जब हिन्द पे ढाने को सितमगर आय