मेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सकेमेरे दिल से निकलने का रास्ता भी न ढूंढ सकेऔर कहते थे तुम्हारी रग-रग से वाकिफ़ है हम
नज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करतेनज़रें मेरी थक न जायें कहीं तेरा इंतज़ार करते-करतेयह जान मेरी यूँ ही निकल ना जाये तुम से इश्क़ का इज़हार करते-करते