बस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मेंबस इक झिजक है यही हाल-ए-दिल सुनाने मेंकि तेरा ज़िक्र भी आएगा इस फ़साने में
तेरी नेकी का लिबास ही तेरा बदन ढकेगातेरी नेकी का लिबास ही तेरा बदन ढकेगा, ऐ बंदेसुना है ऊपर वाले के घर, कपड़ों की दुकान नहीं होती