खुशबु ने फूलों को ख़ास बनायाखुशबु ने फूलों को ख़ास बनायाफूलों ने माली को ख़ास बनायाऔर कमबख्त मोहब्बत नेकितनो को देवदास बनाया
जुल्फों में फूलों को सजा के आयीजुल्फों में फूलों को सजा के आयीचेहरे से दुपट्टा उठा के आयीकिसी ने पूछा आज बड़ी खुबसूरत लग रही हैहमने कहा शायद आज नहा के आयी!
फूलों को तो बहारों में आना ही थाफूलों को तो बहारों में आना ही थाखारों को क्यों संग में लाना थाजिसे चाहा हमने दिल से अपनायाक्या उसी को हमसे दूर जाना था
फूलों की याद आती है काँटों को छूने परफूलों की याद आती है काँटों को छूने पररिश्तों की समझ आती है फासलों पे रहने परकुछ जज़्बात ऐसे भी होते हैं जो आँखों से बयां नहीं होतेवो तो महसूस होते हैं ज़ुबान से कहने पर
कहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैंकहा ये किसने कि फूलों से दिल लगाऊं मैंअगर तेरा ख्याल ना सोचूं तो मर जाऊं मैंमाँग ना मुझसे तू हिसाब मेरी मोहब्बत काआ जाऊं इम्तिहान पर तो हद्द से गुज़र जाऊं मैं