मैंने पुछा चाँद से के देखा है कहीं मेरे यार सा हसीन मैंने पुछा चाँद से के देखा है कहीं मेरे यार सा हसीन चाँद ने कहा , अबे हलकट इतनी ऊपर से थोड़ी कुछ दीखता है
पूछा किसी ने हालपूछा किसी ने हाल..पूछा किसी ने हाल किसी का तो रो दिएपानी में अक्स चाँद का देखा तो रो दिएनग़्मा किसी ने साज़ पे छेड़ा तो रो दिएग़ुंचा किसी ने शाख़ से तोड़ा तो रो दिएउड़ता हुए ग़ुबार सर-ए-राह देख करअंजाम हम ने इश्क़ का सोचा तो रो दिएबादल फ़ज़ा में आप की तस्वीर बन गएसाया कोई ख़याल से गुज़रा तो रो दिएरंग-ए-शफ़क़ से आग शगूफ़ों में लग गई'साग़र' हमारे हाथ से छलका तो रो दिए