अल्फाज़ अकसर अधूरे ही रह जाते हैं मोहब्बत मेंअल्फाज़ अकसर अधूरे ही रह जाते हैं मोहब्बत मेंहर शख़्स किसी ना किसी की चाहत दिल में दबाये रखता है
आँखों में आ जाते हैं आँसूआँखों में आ जाते हैं आँसूफिर भी लबों पे हँसी रखनी पडती हैये मोहब्बत भी क्या चीज है यारोंजिस से करते हैं उसी से छुपानी पडती है
किसी के पास होने का जब हर वक़्त एहसास होता हैकिसी के पास होने का जब हर वक़्त एहसास होता हैयक़ीं मानों कि यहीं मोहब्बत का आगाज होता है
मोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस होते हैंमोहब्बत के लिए कुछ ख़ास दिल मख़्सूस होते हैंये वो नग़्मा है जो हर साज़ पर गाया नहीं जाता