तुझ से अब और मोहब्बततुझ से अब और मोहब्बत..तुझ से अब और मोहब्बत नहीं की जा सकतीख़ुद को इतनी भी अज़िय्यत नहीं दी जा सकतीजानते हैं कि यक़ीं टूट रहा है दिल परफिर भी अब तर्क ये वहशत नहीं की जा सकतीहवस का शहर है और उस में किसी भी सूरतसाँस लेने की सहूलत नहीं दी जा सकतीरौशनी के लिए दरवाज़ा खुला रखना हैशब से अब कोई इजाज़त नहीं ली जा सकतीइश्क़ ने हिज्र का आज़ार तो दे रखा हैइस से बढ़ कर तो रिआयत नहीं दी जा सकती