बुराई इसलिए नहीं पनपती की बुरा करने वाले लोग बढ़ गये हैंबुराई इसलिए नहीं पनपती की बुरा करने वाले लोग बढ़ गये हैंबल्कि इसलिए बढ़ती है,कि सहन करने वाले लोग बढ़ गये हैं
छेड़ने का तो मज़ा ही तब है कहो और सुनोछेड़ने का तो मज़ा ही तब है कहो और सुनोजरा सी बात में तुम खफा हो गये लो और सुनो
आए ही तो थे तेरे दर परआए ही तो थे तेरे दर परऐसा क्या कर गये थे हमतुम चाहने लगे हो औरो कोऐसा क्या मर गये थे हम