हम ही में थी न कोई बातहम ही में थी न कोई बात, याद न तुम को आ सकेतुम ने हमें भुला दिया हम न तुम्हें भुला सके
रह ना पाओगे भुला कर देख लोरह ना पाओगे भुला कर देख लोयकीन ना आये तो आज़मा कर देख लोहर जगह होगी महसूस कमी हमारीचाहे तो अपनी महफ़िल कभी सज़ा कर देख लो
वो नजर कहां से लाऊँवो नजर कहां से लाऊँ, जो तुम्हें भुला देवो दुआ कहां से लाऊँ, जो इस दर्द को मिटा देमिलना तो लिखा होता है तकदीरों मेंपर वो तकदीर ही कहां से लाऊँ, जो हम दोनों को मिला दे
फ़ुर्सतें मिलें जब भी रंजिशें भुला देनाफ़ुर्सतें मिलें जब भी रंजिशें भुला देनाकौन जाने सांसोंं की मोहलतें कहाँ तक है
हमे भुला कर तो देखो हमे भुला कर तो देखो हर ख़ुशी तुमसे रूठ जाएगीजब भी देखोगे आईने में सूरत अपनीहमारी ही सूरत नज़र आएगी
ए दिल ये तू ने कैसा रोग लियाए दिल ये तू ने कैसा रोग लियामैंने अपनों को भुला केएक ग़ैर को अपना मान लिया