तुम ये कैसेतुम ये कैसे..तुम ये कैसे जुदा हो गयेहर तरफ़ हर जगह हो गयेअपना चेहरा न बदला गयाआईने से ख़फ़ा हो गयेजाने वाले गये भी कहाँचाँद सूरज घटा हो गयेबेवफ़ा तो न वो थे न हमयूँ हुआ बस जुदा हो गयेआदमी बनना आसाँ न थाशेख़ जी आप हो गये
न रवा कहिये नन रवा कहिये न..न रवा कहिये न सज़ा कहियेकहिये कहिये मुझे बुरा कहियेदिल में रखने की बात है ग़म-ए-इश्क़इस को हर्गिज़ न बर्मला कहियेवो मुझे क़त्ल कर के कहते हैंमानता ही न था ये क्या कहियेआ गई आप को मसिहाईमरने वालो को मर्हबा कहियेहोश उड़ने लगे रक़ीबों के"दाग" को और बेवफ़ा कहिये