है हकीक़त में वहीहै हकीक़त में वही..है हकीक़त में वही प्यार को पाने वालेअपने महबूब को पलकों पर बिठाने वालेदिल की वीरानी को ख़ुशियों से सजाने वालेइश्क़ का रोग जो खुद को है लगाने वालेज़िक्र तेरा भी वफ़ा वालों में होगा ऐ दोस्तयाद में बेवफ़ाई का दीप जलाने वालेतेरे क़दमों में ये सारा जहां होगा एक दिनमाँ के होठों पे तबस्सुम को सजाने वालेप्यार-ओ-उल्फ़त वफ़ा हमदर्दी मोहब्बत ये सबकौन है दुनिया में अब इन को निभाने वाले
दर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आयादर्द ही सही मेरे इश्क का इनाम तो आयाखाली ही सही हाथों में जाम तो आयामैं हूँ बेवफ़ा सबको बताया उसनेयूँ ही सही, उसके लबों पे मेरा नाम तो आया