अपनी ज़िन्दगी का अलग उसूल हैअपनी ज़िन्दगी का अलग उसूल हैप्यार की खातिर तो काँटे भी कबूल हैंहँस के चल दूँ काँच के टुकड़ों परअगर तू कह दे ये मेरे बिछाये हुए फूल हैं
फ़िज़ा की महकती शाम हो तुमफ़िज़ा की महकती शाम हो तुमप्यार में छलकता जाम हो तुमसीने में छुपाये फिरता हूँ यादें तुम्हारीइसलिए मेरी ज़िन्दगी का दूसरा नाम हो तुम
भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया !भरी महफिल में तन्हा मुझे रहना सिखा दिया तेरे प्यार ने दुनिया को झूठा कहना सिखा दिया किसी दर्द या ख़ुशी का एहसास नहीं है अब तो सब कुछ ज़िन्दगी ने चुप -चाप सहना सिखा दिया !
रोया है बहुत तब जरा करार मिला हैरोया है बहुत तब जरा करार मिला हैइस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला हैगुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर सेएक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है
दुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैंदुनियाँ में इतनी रस्में क्यों हैंप्यार अगर ज़िंदगी है तो इसमें कसमें क्यों हैंहमें बताता क्यों नहीं ये राज़ कोईदिल अगर अपना है तो किसी और के बस में क्यों है।
रोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला हैरोया हूँ बहुत तब जरा करार मिला हैइस जहाँ में किसे भला सच्चा प्यार मिला हैगुजर रही है जिंदगी इम्तिहान के दौर सेएक ख़तम तो दूसरा तैयार मिला है