फ़ना कर दे अपनी सारी ज़िन्दगी ख़ुदा की मुहब्बत मेंफ़ना कर दे अपनी सारी ज़िन्दगी ख़ुदा की मुहब्बत मेंयही वो वाहिद प्यार है जिस में बेवफ़ाई नहीं होती
मुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहींमुहब्बत में झुकना कोई अजीब बात नहींचमकता सूरज भी तो ढल जाता है चाँद के लिए
मुहब्बत के लिए इक ज़िंदगी कम पड़ गयी होगीमुहब्बत के लिए इक ज़िंदगी कम पड़ गयी होगीतभी तो सात जन्मों का खुदा ने कर दिया बंधन
ना जाने इतनी मुहब्बत कहां से आई है उसके लियेना जाने इतनी मुहब्बत कहां से आई है उसके लियेकि मेरा दिल भी उसकी खातिर मुझसे रूठ जाता है