जब भी चूम लेता हूँजब भी चूम लेता हूँ..जब भी चूम लेता हूँ उन हसीन आँखों कोसौ चिराग अँधेरे में जगमगाने लगते हैंफूल क्या शगूफे क्या चाँद क्या सितारे क्यासब रकीब कदमों पर सर झुकाने लगते हैंरक्स करने लगतीं हैं मूरतें अजंता कीमुद्दतों के लब-बस्ता ग़ार गाने लगते हैंफूल खिलने लगते हैं उजड़े-उजड़े गुलशन मेंप्यासी-प्यासी धरती पर अब्र छाने लगते हैंलम्हें भर को ये दुनिया ज़ुल्म छोड़ देती हैलम्हें भर को सब पत्थर मुस्कुराने लगते हैं
काश आपकी सूरत इतनी प्यारी ना होतीकाश आपकी सूरत इतनी प्यारी ना होतीकाश आपसे मुलाक़ात हमारी ना होतीसपनो में ही देख लेते हम आपकोतो आज मिलने की इतनी बेकरारी ना होती