मैं आप लोगों मैं आप लोगों ..मैं आप लोगों की दी हुईमुहब्बत पर इठलाता हूँइतने दिलों में रहता हूँ कि घर का पता भूल जाता हूँनहीं हुनर किसी में मेरे जैसालोगों को उंगलियो पर नाचता हूँकुछ लोग मुझे फरिश्ता कहते हैनफरत के स्कूलों में मुहब्बत पढता हूँखुशियों के बाज़ार में दूकान सजी हैआवाज लगा कर सौदागरों को बुलाता हूँनहीं यकीं तो तु मुझसे मिलकर देखमैं तुझे कैसे अपना बनता हूँ।
तेरी महफ़िल में यह कसरत कभी थीतेरी महफ़िल में यह कसरत कभी थीहमारे रंग की सोहबत कभी थीइस आज़ादी में वहशत कभी थीमुझे अपने से भी नफ़रत कभी थीहमारा दिल, हमारा दिल कभी थातेरी सूरत, तेरी सूरत कभी थीहुआ इन्सान की आँखों से साबितअयाँ कब नूर में जुल्मत कभी थीदिल-ए-वीराँ में बाक़ी हैं ये आसारयहाँ ग़म था, यहाँ हसरत कभी थीतुम इतराए कि बस मरने लगा 'दाग़'बनावट थी जो वह हालत कभी थी
सदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओसदियों से जागी आँखों को एक बार सुलाने आ जाओमाना कि तुमको प्यार नहीं, नफ़रत ही जताने आ जाओजिस मोड़ पे हमको छोड़ गए हम बैठे अब तक सोच रहेक्या भूल हुई क्यों जुदा हुए, बस यह समझाने आ जाओ
नफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैंनफरतों के जहां में हमको प्यार की बस्तियां बसानी हैंदूर रहना कोई कमाल नहीं, पास आओ तो कोई बात बने
प्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करनाप्यार में बेवाफाई मिले तो गम न करनाअपनी आँखे किसी के लिए नम न करनावो चाहे लाख नफरते करें तुमसेपर तुम अपना प्यार कभी उसके लिए कम न करना
हमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करोहमें बरबाद करना है तो हमसे प्यार करोनफरत करोगे तो खुद बरबाद हो जाओगे