वो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़ समझते रहेवो नकाब लगा कर खुद को इश्क से महफूज़ समझते रहेनादां इतना भी नहीं समझते कि इश्क चेहरे से नहीं आँखों से शुरू होता है
नकाब तो उनका सिर से लेकर पाँव तक थानकाब तो उनका सिर से लेकर पाँव तक थामगर आँखें बता रही थी कि मोहब्बत की शौकीन वो भी थी