ना जाने कब कोई अपना रूठ जाएना जाने कब कोई अपना रूठ जाएना जाने कब कोई अश्क आँखों से छूट जाएकुछ पल हमारे साथ भी मुस्कुरा लिया करो ए दोस्तन जाने कब तुम्हारे दांत टूट जाएँ
मेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देनामेरी झोली में कुछ अलफ़ाज़ अपनी दुआओ के डाल देना, ऐ दोस्तक्या पता, तेरे लब हिलें और मेरी तकदीर सवर जाये
दरवाज़े बड़े करवा लिए हैं हमने भी अपने आशियाने केदरवाज़े बड़े करवा लिए हैं हमने भी अपने आशियाने केक्योंकि कुछ दोस्तों का कद बड़ा हो गया है चार पैसे कमाकर
दुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैंदुश्मनों के साथ मेरे दोस्त भी आज़ाद हैंदेखना है खींचता है मुझ पे पहला तीर कौन
बेवाफायों की इस दुनियां में संभलकर चलना मेरे दोस्तोंबेवाफायों की इस दुनियां में संभलकर चलना मेरे दोस्तोंयहाँ बर्बाद करने के लिए, मुहब्बत का भी सहारा लेते हैं लोग
Hindi Shayari, Ek pehchaanएक पहचान हज़ारो दोस्त बना देती हैंएक मुस्कान हज़ारो गम भुला देती हैंज़िंदगी के सफ़र मे संभाल कर चलनाएक ग़लती हज़ारो सपने जला कर राख बना देती है…