ना ये महफिल अजीब हैना ये महफिल अजीब है, ना ये मंजर अजीब हैजो उसने चलाया वो खंजर अजीब हैना डूबने देता है, ना उबरने देता हैउसकी आँखों का वो समंदर अजीब है