दोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैंदोस्ती में दूरियां तो आती रहती हैंफिर भी दोस्ती दिलों को मिला देती हैवो दोस्ती ही क्या जिसमे नाराज़गी ना होपर सच्ची दोस्ती रूठे हुए को मना लेती है
हमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहलेहमें कोई ग़म नहीं था ग़म-ए-आशिक़ी से पहलेन थी दुश्मनी किसी से तेरी दोस्ती से पहलेहै ये मेरी बदनसीबी तेरा क्या कसूर इसमेंतेरे ग़म ने मार डाला मुझे ज़िन्दग़ी से पहले