दिल के छालों को कोई शायरी कहे तो दर्द नहीं होतादिल के छालों को कोई शायरी कहे तो दर्द नहीं होतातक़लीफ़ तो तब होती है जब लोग वाह-वाह करते है
वो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहेवो तो अपने दर्द रो-रो कर सुनाते रहेहमारी तन्हाईयों से आँखें चुराते रहेऔर हमें बेवफ़ा का नाम मिलाक्योंकि हम हर दर्द मुस्कुरा कर छिपाते रहे
मोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता हैमोहब्बत करने वालों का यही हश्र होता हैदर्द-ए-दिल होता है, दर्द-ए-जिगर होता हैबंद होंठ कुछ ना कुछ गुनगुनाते ही रहते हैंखामोश निगाहों का भी गहरा असर होता है
फिर कहीं से दर्द के सिक्के मिलेंगे:फिर कहीं से दर्द के सिक्के मिलेंगे:ये हथेली आज फिर खुजला रही है
सबने कहा इश्क़ दर्द हैसबने कहा इश्क़ दर्द हैहमने कहा यह दर्द भी क़बूल हैसबने कहा इस दर्द के साथ जी नहीं पाओगेहमने कहा इस दर्द के साथ मरना भी क़बूल है
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होतादर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होतारोता है दिल जब वो पास नहीं होताबरबाद हो गए हम उनकी मोहब्बत मेंऔर वो कहते हैं कि इस तरह प्यार नहीं होता