तन्हा तन्हा हमतन्हा तन्हा हम..तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगेजब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगेतुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैंदेर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगेबच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दोचार किताबें पढ़ कर वो भी हम जैसे हो जायेंगेकिन राहों से दूर है मंज़िल कौन सा रस्ता आसाँ हैहम जब थक कर रुक जायेंगे औरों को समझायेंगेअच्छी सूरत वाले सारे पत्थर-दिल हो मुमकिन हैहम तो उस दिन रो देंगे जिस दिन धोखा खायेंगे
तन्हा तन्हा हमतन्हा तन्हा हम..तन्हा तन्हा हम रो लेंगे महफ़िल महफ़िल गायेंगेजब तक आँसू पास रहेंगे तब तक गीत सुनायेंगेतुम जो सोचो वो तुम जानो हम तो अपनी कहते हैंदेर न करना घर जाने में वरना घर खो जायेंगेबच्चों के छोटे हाथों को चाँद सितारे छूने दोचार किताबें पढ़ कर वो भी हम जैसे हो जायेंगेकिन राहों से दूर है मंज़िल कौन सा रस्ता आसाँ हैहम जब थक कर रुक जायेंगे औरों को समझायेंगेअच्छी सूरत वाले सारे पत्थर-दिल हो मुम्किन हैहम तो उस दिन राए देंगे जिस दिन धोका खायेंगे
भीड़ में भी आज भी तन्हा खड़े हैंभीड़ में भी आज भी तन्हा खड़े हैंजहाँ उनका साथ होना था वहाँ भी अकेले खड़े हैं
यह रात इतनी तन्हा क्यों होती हैयह रात इतनी तन्हा क्यों होती हैकिस्मत से अपनी सबको शिकायत क्यों होती हैअजीब खेल खेलती है ये किस्मत भीजिसे पा नहीं सकते उसी से मोहब्बत क्यों होती है