उसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों की तरहउसके दिल में थोड़ी सी जगह माँगी थी मुसाफिरों की तरहउसने तन्हाईयों का एक शहर मेरे नाम कर दिया
जाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझेजाने कब-कब किस-किस ने कैसे-कैसे तरसाया मुझेतन्हाईयों की बात न पूछो महफ़िलों ने भी बहुत रुलाया मुझे