अगर ज़िंदगी में जुदाई ना होती तो कभी किसी की याद आई ना होतीअगर ज़िंदगी में जुदाई ना होती तो कभी किसी की याद आई ना होतीसाथ गुज़रता हर लम्हा तो शायद रिश्तों में यह गहराई ना होती
हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों हैहर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यों हैअब तो हर वक़्त यही बात सताती है हमें
यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ परयह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ परइस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ
किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हमकिस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हतू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ
महफ़िल ना सहीमहफ़िल ना सही, तन्हाई तो मिलती हैमिलें ना सही, जुदाई तो मिलती हैप्यार में कुछ नहीं मिलतावफ़ा ना सही, बेवफ़ाई तो मिलती है
यह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ परयह हम ही जानते हैं जुदाई के मोड़ परइस दिल का जो भी हाल तुझे देख कर हुआ