हकीकत समझो या फसानाहकीकत समझो या फसानाअपना समझो या बेगानाहमारा आपका है रिश्ता पुरानाइसलिये फर्ज था आपको बतानाठंड शुरू हो गयी हैकृपया रोज मत नहाना
आँखों में देख कर वो दिल की हकीकत जानने लगेआँखों में देख कर वो दिल की हकीकत जानने लगेउनसे कोई रिश्ता भी नहीं फिर भी अपना मानने लगेबन कर हमदर्द कुछ ऐसे उन्होंने हाथ थामा मेराकि हम खुदा से दर्द की दुआ मांगने लगे
मरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी कीमरता नहीं कोई किसी के बगैर ये हकीकत है ज़िन्दगी कलेकिन सिर्फ सांसें लेने को 'जीना' तो नहीं कहते