अब तो यूँ हो गए हैं मदहोश तेरी निगाह देख करअब तो यूँ हो गए हैं मदहोश तेरी निगाह देख करसदियों से पिये बैठे हैं जैसे जाम तेरी निगाह देख कर
तु कहीं भी रह तेरे सर पे इल्जाम तो हैतु कहीं भी रह तेरे सर पे इल्जाम तो हैतेरी हाथों की लकीरों में मेरा नाम तो हैमुझे अपना बना या ना बना तेरी मर्जीपर तु मेरे नाम से बदनाम तो है
तकदीरें बदल जाती हैतकदीरें बदल जाती है, जब ज़िन्दगी का कोई मकसद होवरना ज़िन्दगी तो कट ही जाती है, तकदीर को इल्जाम देते देते