ज़िन्दगी से यही ग़िलाज़िन्दगी से यही ग़िला..ज़िन्दगी से यही ग़िला है मुझेतू बहुत देर से मिला है मुझेहमसफ़र चाहिए हुजूम नहींमुसाफ़िर ही काफ़िला है मुझेदिल धड़कता नहीं सुलगता हैवो जो ख़्वाहिश थी आबला है मुझेलबकुशा हूँ तो इस यक़ीन के साथक़त्ल होने का हौसला है मुझेकौन जाने कि चाहतों में 'फ़राज़'क्या गँवाया है क्या मिला है मुझे
हमेशा ज़िन्दगी में मुस्कुराते रहोहमेशा ज़िन्दगी में मुस्कुराते रहो;हर इंसान को अपना बनाते रहो;जब तक कोई कार वाली ना बने तुम्हारी गर्लफ्रेंड;तब तक स्कूटर वाली से ही काम चलाते रहो!
इत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभीइत्तेफाकन मिल जाते हो जब तुम राह में कभीयूँ लगता है करीब से ज़िन्दगी जा रही हो जैसे
वो जिसे समझती थी ज़िन्दगीवो जिसे समझती थी ज़िन्दगी, मेरी धड्कनों का फरेब थामुझे मुस्कुराना सिखा के, वो मेरी रूह तक रुला गयी
जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आती!जीना चाहते हैं मगर ज़िन्दगी रास नहीं आतीमरना चाहते हैं मगर मौत पास नहीं आतीबहुत उदास हैं हम इस ज़िन्दगी सेउनकी यादें भी तो तड़पाने से बाज़ नहीं आती