आदतन तुमने कर दिए वादेआदतन तुमने कर दिए वादे, आदतन हमने ऐतबार कियातेरी राहों में बारहा रुक हमने अपना ही इंतज़ार किया;अब ना मांगेंगे ज़िन्दगी या रब, ये गुनाह हमने एक बार किया
वादे वफ़ा करके क्यों मुकर जाते हैं लोगवादे वफ़ा करके क्यों मुकर जाते हैं लोगकिसी के दिल को क्यों तड़पाते हैं लोगअगर दिल लगाकर निभा नहीं सकतेतो फिर क्यों दिल से इतना लगाते हैं लोग।
आदतन तुमने कर दिये वादेआदतन तुमने कर दिये वादे, आदतन हमनेँ भी ऐतबार कियातेरी राहोँ मेँ हर बार रुककर, हमनेँ अपना ही इंतजार कियागुलजा