ना वो कुछ कहते हैंना वो कुछ कहते हैं, ना कुछ हम कहते हैंमगर निगाहें बहुत कुछ, होंठ कुछ कम कहते हैंहम चाहते हैं कुछ वो कहें कुछ हम कहेंबात यही हम बार-बार तुझसे सनम कहते है
किया अपना बन कर जो तूने सनमकिया अपना बन कर जो तूने सनमना गैरों से वो कभी गैर करेअगर हमें छोड़ कर जाना चाहते होजाओ चले जाओ अल्लाह खैर करे
जो ज़ख्म दे गए हो आप मुझेजो ज़ख्म दे गए हो आप मुझेना जाने क्यों वो ज़ख्म भरता नहींचाहते तो हम भी हैं कि आपसे अब न मिलेंमगर ये जो दिल है कमबख्त कुछ समझता ही नहीं
तुझे अपना बनाने की हसरत थीतुझे अपना बनाने की हसरत थीजो बस दिल में ही रह गयीचाहा था तुझे टूट कर हमनेचाहत थी बस चाहत बन कर रह गयी