गुज़रे हैं तेरे बाद भी कुछ लोग इधर सेगुज़रे हैं तेरे बाद भी कुछ लोग इधर सेलेकिन तेरी खुशबू न गई राह गुज़र से
ना जाने वो कौन तेरा हबीब होगाना जाने वो कौन तेरा हबीब होगातेरे हाथों में जिसका नसीब होगाकोई तुम्हें चाहे ये कोई बड़ी बात नहींलेकिन तुम जिसको चाहो, वो खुश नसीब होगा
जब भी उनकी गली से गुज़रता हूँजब भी उनकी गली से गुज़रता हूँमेरी आंखें एक दस्तक दे देती हैंदुःख ये नहीं, वो दरवाजा बंद कर देते हैंखुशी ये है, वो मुझे अब भी पहचान लेते हैं
आदत सी हो गयी है तेरे करीब रहने कीआदत सी हो गयी है तेरे करीब रहने कीबस इतना बता तेरी साँसों की खुशबू वाला इत्र मिलेगा कहाँ