किसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीकिसी के दिल में बसना कुछ बुरा तो नहीकिसी को दिल में बसाना कोई खता तो नहीगुनाह हो यह ज़माने की नजर में तो क्यायह ज़माने वाले कोई खुदा तो नही
जला कर शमा-ए-उल्फत आप ने फ़ौरन ही गुल कर दीजला कर शमा-ए-उल्फत आप ने फ़ौरन ही गुल कर दीखुदारा ये तो बता दीजिये कि अब परवानों का क्या होगा!
मुझे भी अब नींद की तलब नहींमुझे भी अब नींद की तलब नहींअब रातों को जागना अच्छा लगता हैपता नहीं वो मेरी तकदीर में है कि नहींपर उसे खुदा से माँगना अच्छा लगता है