बहुत महंगे किराएबहुत महंगे किराए...बहुत महंगे किराए के मकाँ सेचलो आओ चलें अब इस जहां सेयूँ ही तुम थामे रहना हाथ मेराहमे जाना है आगे आसमां सेये तुम ही हो मेरे हमराह वरनामेरे पैरों में दम आया कहाँ सेमेरी आँखों से क्या ज़ाहिर नहीं थामैं तेरा नाम क्या लेता जुबां से
ये दिल में वसवसा क्या पल रहा हैये दिल में वसवसा क्या पल रहा हैतेरा मिलना भी मुझ को खल रहा हैजिसे मैंने किया था बे-ख़ुदी मेंजबीं पर अब वो सजदा जल रहा हैमुझे मत दो मुबारक-बाद-ए-हस्तीकिसी का है ये साया चल रहा हैसर-ए-सहरा सदा दिल के शजर सेबरसता दूर एक बादल रहा हैफ़साद-ए-लग़्ज़िश-ए-तख़लीक़-ए-आदमअभी तक हाथ यज़दाँ मल रहा हैदिलों की आग क्या काफ़ी नहीं हैजहन्नम बे-ज़रूरत जल रहा है
हीर रो-रो कर रांझे से कह रही हैहीर रो-रो कर रांझे से कह रही हैहीर रो-रो कर रांझे से कह रही है.....हाथ छोड़ कमीने मेरी नाक बह रही है
कहते थे जो तेरी खातिर जान भी लुटा देंगेकहते थे जो तेरी खातिर जान भी लुटा देंगेआज कहते हैं मेरा हाथ छोड़ दो इज्जत का सवाल है
डालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश परडालना अपने हाथों से कफन मेरी लाश परकि तेरे दिए जखमों के तोहफे कोई और ना देख ले