हर बार संभाल लूंगा गिरो तुम चाहो जितनी बारहर बार संभाल लूंगा गिरो तुम चाहो जितनी बारबस एक ही इल्तिज़ा है कि मेरी नज़रों से ना गिरना तुम कभी