एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैएक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैइंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों हैउसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायदफिर हर मोड़ पे उसी का इंतज़ार क्यों है
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैएक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैइंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों हैउसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायदफिर भी हर मोड़ पर उसी का इंतज़ार क्यों है
एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों है!एक अजनबी से मुझे इतना प्यार क्यों हैइंकार करने पर चाहत का इकरार क्यों हैउसे पाना नहीं मेरी तकदीर में शायदफिर भी हर मोड़ पर उसी का इन्तज़ार क्यों है