ये नाम मुमकिन रहेगा मक़ाम मुमकिन नहीं रहेगाये नाम मुमकिन रहेगा मक़ाम मुमकिन नहीं रहेगाग़ुरूर लहजे में आ गया तो कलाम मुमकिन नहीं रहेगाये बर्फ़-मौसम जो शहर-ए-जाँ में कुछ और लम्हे ठहर गया तोलहू का दिल की किसी गली में क़याम मुमकिन नहीं रहेगातुम अपनी साँसों से मेरी साँसे अलग तो करने लगे हो लेकिनजो काम आसाँ समझ रहे हो वो काम मुमकिन नहीं रहेगावफ़ा का काग़ज़ तो भीग जाएगा बद-गुमानी की बारिशों मेंख़तों की बातें ख़्वाब होंगी पयाम मुमकिन नहीं रहेगाये हम मोहब्बत में ला-तअल्लुक़ से हो रहे हैं तू देख लेनादुआएँ तो ख़ैर कौन देगा सलाम मुमकिन नहीं रहेगा