चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैचेहरों के लिए आईने कुर्बान किये है;इस शौक में अपने बड़े नुकसान किये है;महफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुश;जिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये है।
अंदाज अपने देखते हैं आईने में वोअंदाज अपने देखते हैं आईने में वोऔर ये भी देखते हैं, कोई देखता न होकल चौदहवीं की रात थी, रात भर रहा चर्चा तेराकुछ ने कहा ये चाँद है, कुछ ने कहा चेहरा तेरा
मुझ से ऐ आईने मेरी बेकरारियाँ मत पूछमुझ से ऐ आईने मेरी बेकरारियाँ मत पूछटूट जाएगा तू भी मेरी खामोशियाँ सुन के
चेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैंचेहरों के लिए आईने कुर्बान किये हैंइस शौक में अपने बड़े नुकसान किये हैंमहफ़िल में मुझे गालियाँ देकर है बहुत खुशजिस शख्स पर मैंने बड़े एहसान किये हैं
आईने के सामने खड़े होकर खुद से माफ़ी माँग ली मैंनेआईने के सामने खड़े होकर खुद से माफ़ी माँग ली मैंनेसबसे ज्यादा खुद का दिल दुखाया है औरों को खुश करने में
लोग तो बेवजह ही खरीदते हैं आईनेलोग तो बेवजह ही खरीदते हैं आईनेआँखें बंद करके भी अपनी हकीकत जानी जा सकती है