जाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गएजाने मेरी आँखों से कितने आँसू बह गएइंसानो की इस भीड़ में देखो हम तनहा रह गएकरते थे जो कभी अपनी वफ़ा की बातेंआज वही सनम हमें बेवफ़ा कह गए
आँसू गिरने की आहट नही होतीआँसू गिरने की आहट नही होतीदिल के टूटने की आवाज नहीं होतीगर होता उन्हें एहसास दर्द कातो दर्द देने की उन्हें आदत नहीं होती
जो आँसू दिल में गिरते हैं वो आँखों में नहीं रहतेजो आँसू दिल में गिरते हैं वो आँखों में नहीं रहतेबहुत से हर्फ़ ऐसे होते हैं जो लफ़्ज़ों में नहीं रहतेकिताबों में लिखे जाते हैं दुनिया भर के अफ़सानेमगर जिन में हकीकत हो किताबों में नहीं रहते
ये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहेंये रुके रुके से आँसू ये दबी दबी सी आहेंयूँ ही कब तलक खुदाया ग़म-ए-ज़िंदगी निबहेँ
उसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हमउसकी पलकों से आँसू को चुरा रहे थे हमउसके ग़मो को हंसीं से सजा रहे थे हमजलाया उसी दिये ने मेरा हाथजिसकी लो को हवा से बचा रहे थे हम