अनजान थे हम अनजान ही रहने दोअनजान थे हम अनजान ही रहने दोकिसी की यादों में हमें पल पल यूँ ही मरने दोक्यों करते हो बदनाम लेकर नाम हमाराअब तो इस नाम को गुमनाम रहने दो
हम भटकते रहे थे अनजान राहों मेंहम भटकते रहे थे अनजान राहों मेंरात दिन काट रहे थे यूँ ही बस आहों मेंअब तम्मना हुई है फिर से जीने की हमेंकुछ तो बात है सनम तेरी इस निगाहों में
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जानेदिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जानेप्यार किसे कहते है वो नादान क्या जानेहवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे काकैसे बना था घौंसला वो तूफान क्या जाने
अनजान सी राहों पर चलने का तजुर्बा नहीं थाअनजान सी राहों पर चलने का तजुर्बा नहीं था,पर उस राह ने मुझे एक हुनरमंद राही बना दिया
दिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जानेदिल पे क्या गुज़री वो अनजान क्या जानेप्यार किसे कहते है वो नादान क्या जानेहवा के साथ उड़ गया घर इस परिंदे काकैसे बना था घोसला वो तूफान क्या जाने