दिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझ से मिलने केदिन भर भटकते रहते हैं अरमान तुझ से मिलने केन दिल ठहरता है न इंतज़ार रुकता है
वो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगेवो आ रहे हैं वो आते हैं आ रहे होंगेशब-ए-फ़िराक़ ये कह कर गुज़ार दी हम ने
कब उनकी आँखों से इज़हार होगाकब उनकी आँखों से इज़हार होगादिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगागुज़र रही हे रात उनकी याद मेंकबि तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा
मुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँमुझे तो आज पता चला कि मैं किस क़दर तनहा हूँपीछे जब भी मुड़ कर देखता हूँ तो मेरा साया भी मुँह फेर लेता है
एहसास-ए-मोहब्बत के लिए बस इतना ही काफी हैएहसास-ए-मोहब्बत के लिए बस इतना ही काफी हैतेरे बगैर भी हम, तेरे ही रहते हैं
कब उनकी पलकों से इज़हार होगाकब उनकी पलकों से इज़हार होगादिल के किसी कोने में हमारे लिए प्यार होगागुज़र रही है रात उनकी याद मेंकभी तो उनको भी हमारा इंतज़ार होगा